समाधि से निकलकर बोले बाबा बजरंगबली की हुई थी आज्ञा
पुजारी बाबा ने ले ली थी 48 घण्टे की जिंदा समाधि
प्रशासन ने सूचना मिलने पर 4 से 5घण्टे में बाबा को निकाला बाहर
राजेन्द्र सिंह//छतरपुर
छतरपुर जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के गौरैया गांव में एक 60 वर्षीय बाबा नारायण दास कुशवाहा ने 48 घण्टे की समाधि ले ली,देखते ही देखते ये खबर आग की तरह फैल गई, जानकारी मिलने पर प्रशासन के हाथ पैर फूल गए, और आनन-फानन में प्रशासन और पुलिस टीम मौके पर पहुंची,और पुलिस टीम ने मिट्टी हटाकर बाबा को गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकाला है, बाबा नारायण दास कुशवाहा की माने तो वो पहले भी दो बार 18 और 24 घण्टे की समाधि ले चुके हैं।
समाधि जमीन में लगभग 6 फुट गहरे गढ्ढे में ली गई थी, और इस गड्ढे को पुजारी के अंदर जाने के बाद पूरी तरीके से लोहे की प्लेटों से ढकने के बाद मिट्टी से बंद कर दिया गया था,पुजारी का कहना था कि 48 घंटे बीत जाने के बाद में जब अंदर से आवाज लगाएंगे तब रामनवमी के दिन दोपहर में उन्हें बाहर निकाल लिया जाए।
आपको बता दें गौरैया गांव के सिद्धबाबा मंदिर के लगभग 60 वर्षीय पुजारी नारायण दास कुशवाहा जो गौरैया गांव के सिद्ध बाबा मंदिर पर ही रहते हैं और वही पूजा-अर्चना करते हैं, वह पहले भी 2 बार इस प्रकार की समाधिया ले चुके हैं।लेकिन इस बार बुजुर्ग पुजारी द्वारा समाधि लिए जाने की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई, बुजुर्ग ने गांव के भक्तों के सामने 6 फुट गहरे और लगभग 4x 10 फीट के गड्ढे में खुद को बंद करा लिया ,बाबा के समाधि लिए जाने के पहले से लेकर बाद तक लोगों का पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा,लोग बाबा के पैसे छूकर उनका आशीर्वाद भी लेते रहे,और फिर बाबा गड्ढे के अंदर उतरकर समाधि में चले गए ,गड्ढे के ऊपर से लोहे की प्लेटों से ढकवा कर उसके ऊपर लगभग 2 फुट ऊंची मिट्टी की परत चढ़ा दी गयी , जिसके ऊपर पूजा-अर्चना के बाद कई दिए जलाए गए ।
मामले की सूचना मिलने के बाद तहसीलदार संध्या अग्रवाल मौके पर पहुंची तो वहीं सिविल लाइन थाना प्रभारी कमलेश साहू भी दल बल के साथ मौके पर पहंचे और तत्काल गढ्ढे के ऊपर से डाली गई मिट्टी को पुलिस कर्मियों के द्वारा हटाया गया और फिर गड्ढे में ढकी प्लेटों को हटाया गया तो बाबा गढ्ढे के अंदर लेटे हुए समाधि में लीन नजर आए ,बाबा को पुलिस कर्मी पुकारते रहे लेकिन बाबा काफी देर तक ध्यान में लीन रहे जब टी आई के द्वारा बाबा को कानूनी प्रक्रिया की मजबूरी बताई गयी तब बाबा नारायण दास का ध्यान टूटा और वो गढ्ढे के बाहर निकले जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उन्हें बजरंगबली की आज्ञा प्राप्त हुई थी जिसकी वजह से उन्होंने 48 घंटे की समाधि ली थी इसके पहले भी वह 2 बार 18 और 24 घंटे की समाधि ले चुके हैं।
अब इसे अंधविश्वास कहें या धार्मिक कट्टरता फिलहाल उन्हें प्रशासन के द्वारा बाहर निकाल लिया गया,और पुलिस उन्हें चिकित्सकीय परीक्षण के लिए अपने साथ ले गईं ।वहीं गांव वालों का कहना है कि बाबा नारायण दास पर हनुमान जी की कृपा है।