संस्कृति शब्द संस्कृत भाषा की ’कृ’ (करना) धातु से बना है। अंग्रेजी में संस्कृति के लिए प्रयुक्त कल्चर शब्द लैटिन भाषा के ’कल्ट’ या ’कल्टस से लिया गया है, Sanskriti Ka Arth है जोतना, विकसित करना या परिष्कृत करना। किसी व्यक्ति, जाति, राष्ट्र आदि की वे सब बातें, जो उसके मन, रुचि, आचार, विचार, कला, कौशल और सभ्यता के क्षेत्र में बौद्धिक विकास की सूचक होती हैं, संस्कृति का अंग हैं।
किसी विशेष कालावधि में एक विशेष मानव समूह के द्वारा अपनाई गई जीवन शैली, विशेष रूप से उनकी परंपराएं और अवधारणाएं तथा विश्वास को संस्कृति कहा जा सकता है। इस परिभाषा से आप यह समझ सकते हैं कि संस्कृति वह जीवन पद्धति है जिसका निर्माण मानव व्यक्ति तथा समूह के रूप में करता है, यह उन आविष्कारों का संग्रह है, जिनका अन्वेषण मानव ने अपने जीवन को सफल बनाने के लिए किया है।
संस्कृति वह जटिल समग्रता है, जिसमें ज्ञान, विश्वास, कला,आचार, कानून प्रथा ऐसी ही अन्य क्षमताओं और आदतों का समावेश रहता है, जिन्हें मनुष्य समाज के सदस्य के नाते प्राप्त करता है, अर्थात संस्कृति मानव की सामाजिक विरासत है, जिसे मनुष्य जन्म लेने के बाद प्राप्त करता है और समाज की सदस्यता की स्थिति में सीखता है। संस्कृति से हमारा तात्पर्य उस सब से है जिसे मनुष्य अपने सामाजिक जीवन में सीखता है या समाज के सदस्य के नाते प्राप्त करता है। मनुष्य स्वयं पूर्ण रूप में संस्कृति की उपज है और दूसरी ओर संस्कृति मनुष्य की रचना है।